आर्यिका अनुनय मति माता जी की समाधि
ಆರ್ಯಿಕ ಅನುನಯ ಮತಿ ಮಾತಾಜಿಯ ಸಮಾಧಿ
जबलपुर। 24 मई। संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की परम शिष्या वंदनीय आर्यिका श्री आदर्शमति माता जी की संघस्थ आर्यिका श्री अनुनय मति माता जी का समाधि मरण आज लगभग 3 बजे दोपहर में दयोदय तीर्थ जबलपुर में हो गया है।
माता जी लंबे समय से रोग ग्रसित थीं, उसके बाद भी कई वर्षों से परिषह को सह रही थी , बेहद नाजुक स्तिथि होने के बाद भी माता जी ने अपने महाव्रत को नही छोड़ा और इतने भयंकर रोग को सहती रही , कहते है इतनी भयंकर वेदना के बाद भी आपके चेहरे की मुस्कान हमेशा बनी रहती थी।
गुरु आज्ञा ही मूलवाक्य मान कर पूरी चेतना के साथ विधिवत सल्लेख्ना को धारण कर उन्होंने अपने इस नश्वर शरीर को छोड़ दिया।
विगत 30 वर्षो से आर्यिका श्री आदर्श मति माता जी के निर्देशानुसार आप अपनी साधना कर रही थी ,उपसंघ बनने के बाद आपका प्रथम चातुर्मास कराने का सौभाग्य शहपुरा को ही प्राप्त हुआ था साथ ही उदय नगर ,नसिया जी इंदौर , गौरझामर ,लार आदि स्थानों पर आपका वर्षयोग स्थापित हुए
आर्यिका माँ श्री १०५ अनुनयमति माता जी का परिचय
जन्म तिथि - 01 अक्टूबर 1969,आश्विन शुक्ला १०,संवत् 2025 मंगलवार के दिन
जन्म नाम - बाल ब्र. किरण दीदी जी
जन्म भूमि - लार,टीकमगढ़,म.प्र.
पिताश्री का नाम - श्री सुखानंद जी जैन
माताश्री का नाम - श्रीमती चिरौंजाबाई जी (गुलाबरानी जी)
मातृभाषा - हिन्दी
लौकक शिक्षा - हायर सेकेंड्री
ब्रह्मचर्य व्रत प्रतिमा - 1985 में अतिशय क्षेत्र आहार में पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जी से।
१० प्रतिमा मढ़िया जी,जबलपुर में पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जी से।
आर्यिका दीक्षा - 04 जुलाई 1992, आषाढ़ शुक्ला ५,वि.सं. २०४९,शनिवार
आर्यिका दीक्षा स्थान - सिद्धक्षेत्र कुण्डलपुर जी
दीक्षा गुरु - संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
संघस्था - आर्यिका श्री आदर्शमति माताजी (वर्तमान में संघ संचालिका)
सरल, सहज व गुरु के प्रति अद्भुत समर्पण विनय,संसारीजनों को सदैव मोक्षमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करने वाली साध्वी का आज समाधि मरण हुआ।