दक्षिण पूर्व एशिया की विलुप्त आर्हत संस्कृति का विमोचन ದಕ್ಷಿಣ ಪೂರ್ವ ಏಷ್ಯಾ ಕಿ ವಿಲುಪ್ತ ಅರ್ಹ ಸಂಸ್ಕೃತಿ ಕಾ ವಿಮೋಚನ



दक्षिण पूर्व  एशिया की विलुप्त आर्हत संस्कृति का विमोचन

ದಕ್ಷಿಣ ಪೂರ್ವ ಏಷ್ಯಾ ಕಿ ವಿಲುಪ್ತ ಅರ್ಹ ಸಂಸ್ಕೃತಿ ಕಾ ವಿಮೋಚನ




ऋषभांचल तीर्थ में डाॅ.मुरली मनोहर जोषी ने की प्रषंसा

ऋषभांचल गाजियाबाद । दिल्ली मेरठ मार्ग पर स्थित ध्यान योग दि.जैन तीर्थ श्री ऋषभांचल, वर्धमानपुरम गाजियाबाद में जैन दर्षन के प्रख्यात मनीषी वरिष्ठ विद्वान डाॅ.नरेन्द्रकुमार जैन गाजियाबाद द्वारा लिखित अद्भुद व अविस्मरणीाय कृति ‘दक्षिण पूर्व एषिया की विलुप्त आर्हत संस्कृति’ का विमोचन भारत सरकार के पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री डाॅ.मुरली मनोहर जोषी ने किया । मंच पर उन्होंने पुस्तक का अवलोकन कर पुस्तक के लेखक डाॅ.नरेन्द्र जैन के श्रमसाध्य कार्य की प्रषंसा करते हुए कहा कि पुस्तक अत्यंत ही सुंदर है व साथ ही यह बताती है कि हमारी प्राचीन संस्कृति विष्व व्यापी थी ।

ऋषभांचल तीर्थ की संप्रेरिका अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी बा.ब्र.माॅं श्री कौषल ने पुस्तक की प्रषंसा करते हुए कहा कि पुस्तक के नाम में ‘आर्हत’ शब्द बताता है कि यह पुस्तक बहुत ही श्रम पूर्वक लिखी गई है ।

अनेक पुस्तकों व शोध लेखों के लेखक कुषल वक्ता, पुरातत्व अन्वेषी वरिष्ठ विद्वान डाॅ.नरेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि यात्रा वृतांत पर आधारित इस पुस्तक में कंबोडिया, थाइलैण्ड आदि देषों के साथ दक्षिण एषिया, युरोप, अफ्रीका के कुछ देषों के पुरातात्विक स्थलों का जैन आर्हत श्रमण संस्कृति विषयक विष्लेषण किया गया है । पुस्तक का प्रकाषन आचार्य कुन्दकुन्द जैन विद्या केन्द्र कविनगर गाजियाबाद से किया गया है । उल्लेखनीय है कि जैसा कि हम सुनते है कि जैन धर्म विष्वव्यापी था, उस खोज को यह पुस्तक प्रमाणिकता प्रदान करती है । लेखक डाॅ.नरेन्द्रकुमार जैन ने महासभा के यषस्वी अध्यक्ष रहे स्व.निर्मलकुमारजी सेठी के साथ अनेकों बार इन स्थानों की यात्रा की व जैन श्रावकों के नियमों का पालन करते हुए महिनों फलाहार पर या भूखे रहकर जंगलों में जा-जाकर भाषा भिन्नता के बावजूद जैन आर्हत श्रमण संस्कृति को खोज निकाला । पुस्तक विमोचन अवसर पर दिल्ली विधायक दिनेष गोयल, तीर्थ अध्यक्ष जीवेन्द्र जैन, वरिष्ठ विद्वान प्रो.फुलचंद प्रेमी वाराणसी, डाॅ.अनेकांत जैन दिल्ली, राजेन्द्र जैन महावीर सनावद, शैलेन्द्र जैन लखनऊ, वीरेन्द्र जैन टीकमगढ़, हेमचंद जैन, आर.सी.जैन, अजय जैन पत्रकार, प्रदीप जैन महामंत्री कविनगर सहित अनेक श्रेष्ठी महानुभाव उपस्थित थे । संचालन श्री जीवेन्द्र जैन ने किया ।

संलग्न चित्र - 1. पूज्य माॅं कौषल को पुस्तक भेंट करते हुए लेखक डाॅ.नरेन्द्रकुमार जैन 

2. डाॅ.जोषी पुस्तक विमोचन करते हुए ।

3.   पुस्तक  ‘दक्षिण पूर्व एषिया की विलुप्त आर्हत संस्कृति’ 

- राजेन्द्र जैन ‘महावीर’

217, सोलंकी काॅलोनी, सनावद जिला खरगोन (म.प्र.) 451111

मो.ः 094074-92577 



add

https://www.amazon.in/MMTC-PAMP-Lotus-24k-999-9-Gold/dp/B08KSPYJX2?keywords=GOLD+COIN&qid=1699455659&sr=8-3-spons&sp_csd=d2lkZ2V0TmFtZT1zcF9hdGY&psc=1&linkCode=ll1&tag=anushka0f28-21&linkId=4f374efcd73053f73635c7cb35e093dd&language=en_IN&ref_=as_li_ss_tl